बड़ोखरी दुर्ग (ऐतिहासिक स्रोत)
बड़ोखरी दुर्ग (ऐतिहासिक स्रोत) इतिहासकार बद्रीदत्त पाण्डे ने ‘कुमाऊँ का इतिहास’ नामक पुस्तक में इस दुर्ग का वर्णन किया है। इस दुर्ग को उन्होंने गुलाब घाटी (राष्ट्रीय राजमार्ग 87 पर काठगोदाम ) के पास चिह्नित किया। डॉ. शिवप्रसाद डबराल ने ‘उत्तराखण्ड के अभिलेख एवं मुद्रा’ नामक पुस्तक में चंद राजा दीपचंद का एक ताम्रपत्र (शाके 1677 या सन् 1755 ई.) प्रकाशित किया है। यह ताम्रपत्र इस दुर्ग के निकट गौला नदी में हुए रोहिला युद्ध के प्रमाण प्रस्तुत करता है। इतिहासकार बद्रीदत्त पाण्डे बड़ोखरी दुर्ग का उल्लेख प्रथम रोहिला आक्रमण से संबद्ध करते हुए लिखते हैं- ‘‘सन् 1743-44 में अलिमुहम्मदखाँ ने अपने तीन नामी सरदार हाफिज रहमतखाँ, पैदाखाँ तथा बक्सी सरदारखाँ को 10000 सेना लेकर कुमाऊँ पर चढ़ाई करने को भेज दिया। कल्याणचंद संकट में थे। आंवले तथा अवथ के नवाब दुश्मन बने बैठे थे। डोटी के राजा अपने एक साधारण प्रजा के कूर्माचल के राजा बन जाने से दिल-ही-दिल में कुढ़े हुए थे, इधर रोहिले आ धमके। इसकी सूचना श्रीरामदत्त अधिकारी ने राजा को दे दी, और उधर शिवदेव जोशी ने धन माँगा, ताकि वह फौज एकत्र कर व किलेबंदी क