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गंगोली की नदियां : एक ऐतिहासिक एवं भौगोलिक अध्ययन

  गंगोली की नदियां : एक ऐतिहासिक एवं भौगोलिक अध्ययन        कुमाऊँ का ‘गंगोली’ क्षेत्र एक विशिष्ट सांस्कृतिक और भौगोलिक क्षेत्र है। इस विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र को सरयू-पूर्वी रामगंगा का अंतस्थ क्षेत्र भी कह सकते हैं। वर्तमान में गंगोली का मध्य-पूर्व और दक्षिणी क्षेत्र पिथौरागढ़ तथा मध्य-पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्र बागेश्वर जनपद में सम्मिलित है। गंगोली क्षेत्र पूर्व, पश्चिम और दक्षिण में दो नदियां सरयू और पूर्वी रामगंगा से घिरा है और इसके उत्तर में हिमालय है, जहाँ इन दोनों नदियों का उद्गम स्थल एक पर्वत श्रेणी की दक्षिणी पनढाल है, जो नंदाकोट के दक्षिण में है। इस पर्वत श्रेणी की उत्तरी पनढाल का जल पिण्डर नदी में गिरता है। सरयू और पूर्वी रामगंगा नदियों के अंतस्थ क्षेत्र में भी नदियों की कतार है। इसलिए इस क्षेत्र को ‘गंगावली’ कहा गया। गंगोली की इन दो सीमावर्ती नदियों का पौराणिक महत्व तो है ही, साथ-साथ इनका इस क्षेत्र की सांस्कृतिक और आर्थिक उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गंगोली की नदी घाटियां में अनेक तटवर्ती मैदानों का विकास हुआ। कुमाउनी में नदी तटवर्ती मैदान को ‘बगड़’ और सिंचित भूमि को ‘स