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उत्तराखण्ड के गुप्त- कार्तिकेयपुर राजवंश

  उत्तराखण्ड के गुप्त- कार्तिकेयपुर राजवंश - उत्तराखण्ड के इतिहास में कार्तिकेयपुर राजवंश का गुणगान जिस प्रकार किया गया है, यह राजवंश मध्य हिमालय में गुप्त राजवंश के समान दृष्टिगत होता है। चक्रवर्ती गुप्त राजवंश का कालखण्ड 319 ई. से 550 ई. तक मान्य है। जबकि बागेश्वर शिलालेख और कार्तिकेयपुर उद्घोष वाले ताम्रपत्रों के आधार पर इतिहासकार कार्तिकेयपुर राज्य के कालखण्ड को नौवीं-दशवीं सदी के आस पास निर्धारित करते हैं। अभिलेख और मंदिर स्थापत्य कला के आधार पर इस राजवंश को इतिहासकारों ने उत्तराखण्ड का महान राजवंश घोषित किया है। अतः ऐतिहासिक वृत्तांतों के आधार पर गुप्त वंश और कार्तिकेयपुर राजवंश में कई समानताएं देखने को मिलतीं हैं। यथा-       गुप्तवंश भारत पर एकछत्र राज्य करने वाला अंतिम राजवंश था। अपने पराक्रम एवं वीरता के बल पर उन्होंने प्रायः समस्त भारतवर्ष को एकता सूत्र में बांध दिया था। गुप्त वंश के द्वितीय शासक समुद्रगुप्त तथा उनके उत्तराधिकारी चन्द्रगुप्त द्वितीय और कुमारगुप्त ने गुप्त साम्राज्य के विस्तार और अखण्डता में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इसी प्रकार उत्तराखण्ड पर एक छत्र राज्य क