गंगोली के रजवार शासक
गंगोली के रजवार शासक तेरहवीं शताब्दी में कत्यूरी राज्य के पतनोपरांत मध्य हिमालय (कुमाऊँ क्षेत्र) स्वतंत्र लघु राज्य इकाइयों में विभाजित हो गया था। उन्हीं में एक गंगोली भी था। कुमाऊँ की दो प्रमुख नदियों सरयू और पूर्वी रामगंगा से घिरे भू-भाग को गंगोली कहा जाता था, जहाँ सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्दी में ‘रजवार’ नामान्त उपाधि धारक शासकों ने राज्य किया था, जो गंगोली के रजवार शासक कहलाये। वास्तव में गंगोली राज्य का राजनीतिक इतिहास तेरहवीं शताब्दी में रामचन्द्रदेव के नेतृत्व में अस्तित्व में आया था, जिन्हें उत्तर कत्यूरी कहा जाता है। इस वंश के चार नरेशों ने गंगोली पर लगभग 100 वर्ष शासन किया था। इनके पश्चात गंगोली में नेपाल मूल के चंद वंशीय शासकों का शासन आरंभ हुआ, जिन्हें मणकोटी भी कहा जाता है। इस राजवंश ने गंगोली पर लगभग 200 वर्ष शासन किया था। अिंंतम मणकोटी राजा नारायणचंद को पराजित कर चंद राजा बालो कल्याणचंद ने गंगोली पर अधिकार करने में सफल हुए थे। इस चंद राजा ने गंगोली के शासन हेतु ‘गंगोला’ नामक एक नवीन राज्य पद को पदावस्थापित किया था। बालो कल्याणचंद के पुत्र रुद्रचंद