विष्णुवर्मन का ताम्रपत्र- तेरहवीं से अट्ठाईसवीं पंक्ति तक का विश्लेषण
विष्णुवर्मन का ताम्रपत्र- तेरहवीं से अट्ठाईसवीं पंक्ति तक का विश्लेषण विष्णुवर्मन का ताम्रपत्र पौरव वंश और ब्रह्मपुर के इतिहास पर प्रकाश डालता है। इस राजा के वंशजो का शासन ब्रह्मपुर राज्य में लगभग छठी शताब्दी के आस पास था। इस वंश का इतिहास केवल ताम्रपत्रों में ही समाहित था। ये ताम्रपत्र गढ़वाल सीमावर्ती अल्मोड़ा जनपद के स्याल्दे तहसील के तालेश्वर गांव से एक खेत की प्राचीर निर्माण हेतु की गई खुदाई में प्राप्त हुए थे, जो द्युतिवर्मन और विष्णुवर्मन नामक राजाओं के थे। इन दोनों शासकों के ताम्रपत्रों में राज्य एवं राजधानी का नाम क्रमशः पर्वताकार और ब्रह्मपुर उत्कीर्ण है। विष्णुवर्मन का ताम्रपत्र सन् 1915 ई. में प्राप्त हो चुका था। लेकिन सन् 1960 ई. के आस पास ही यह ताम्रपत्र प्रकाश में आ पाया। यदि यह ताम्रपत्र सन् 1936 ई. से पूर्व प्रकाश में आ चुका होता, तो ‘कुमाऊँ का इतिहास’ नामक पुस्तक में इस राजवंश का उल्लेख पंडित बद्रीदत्त पाण्डे अवश्य करते। विष्णुवर्मन का ताम्रपत्र ब्रह्मपुर और पर्वताकार राज्य के संबंध में अनेक तथ्य उपलब्ध कराता है। यह ताम्रपत्र ब्रह्मपुर को