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गंगोली का उत्तर कत्यूरी राजवंश

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 गंगोली का उत्तर कत्यूरी राजवंश      भारतीय इतिहास को जिस प्रकार गुप्त और उत्तर गुप्त शासन काल में विभाजित किया गया, ठीक इसी प्रकार उत्तराखण्ड के प्राचीन कत्यूरी राजवंश को भी कत्यूरी और उत्तर कत्यूरी काल में विभाजित किया गया है। मध्य हिमालय के इस राजवंश के विभाजन स्वरूप उत्तराखण्ड के कुमाऊँ क्षेत्र में कुछ क्षेत्रीय राज्य अस्तित्व में आये थे, जिनमें से एक गंगोली का उत्तर कत्यूरी राजवंश भी था। वर्तमान गंगोलीहाट और उसके आस पास का क्षेत्र प्राचीन काल में गंगोली कहलाता था, जहाँ एक स्वतंत्र राज्य के रूप में सर्वप्रथम जो राजवंश अस्तित्व में आया, उसे गंगोली का उत्तर कत्यूरी राजवंश कहा गया।       उत्तराखण्ड के मध्य हिमालय क्षेत्र में प्रवाहित सरयू और पूर्वी रामगंगा के अंतस्थ क्षेत्र के संबंध में पं. बद्रीदत्त पाण्डे लिखते हैं- ’’सरयू और रामगंगा के बीच की रमणीक व उपजाऊ भूमि गंगावली (गंगोली) के नाम से विख्यात है।’’ वर्तमान में इस रमणीक व उपजाऊ भू-भाग में पिथौरागढ़ जनपद के गंगोलीहाट, गणाई-गंगोली, बेरीनाग एवं थल तहसील तथा बागेश्वर जनपद के काण्डा, दुग-नाकुरी और कपकोट तहसील सम्मिलित हैं। यह समस्त क्ष

जाह्नवी देवी नौला

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  जाह्नवी देवी नौला -      गंगोलीहाट का जाह्नवी देवी नौला उत्तराखण्ड के प्राचीन अमूल्य धरोहरों में से एक है। स्थानीय लोग जाह्नवी देवी नौला को ‘जानदेवी’ नौला कहते हैं। यह नौला पर्वतीय स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उत्तराखण्ड का कुमाऊँ क्षेत्र प्राचीन मंदिरों के साथ-साथ नौला स्थापत्य के लिए भी प्रसिद्ध है। प्राचीन काल में मंदिरों के आस पास जलापूर्ति हेतु जलकुण्ड और नौला स्थापत्य का विकास हुआ। नदी या लघु जल धाराओं के निकटवर्ती मंदिरों में जलकुण्ड तथा भूमिगत जल स्रोतों पर नौलों को निर्मित किया जाता था। जाह्नवी देवी नौला भूमिगत जल स्रोत का उदाहरण है। जबकि कुमाऊँ के प्राचीन मंदिरों जैसे जागेश्वर और वृद्ध-भुवनेश्वर मंदिर में जलकुण्ड निर्मित है। इसके अतिरिक्त प्राचीन हाट (बाजार) और विशेषतः कुमाऊँ के पर्वतीय क्षेत्र के गांव-गांव में पेयजल आपूर्ति हेतु नौला प्रमुख साधन था। जाह्नवी देवी नौला को प्राचीन गंगोली राज्य के हाट के निकट ही स्थापित किया था। गंगोली राज्य के हाट को अब गंगोलीहाट कहा जाता है। जाह्नवी देवी नौला  नौला स्थापत्य शैली-      उत्तराखण्ड में हाट संस्कृति की प्राचीनता को कत्