मणकोट
मणकोट मणकोट नामक स्थान जनपद पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट तहसील में स्थित है। इतिहासकार प्राचीन गंगोली राज्य के विभिन्न राजवंशों को मणकोट से संबद्ध करते हैं। ‘‘कत्यूरी-राज्य के समय तमाम गंगोली का एक ही राजा था। उसके नगर दुर्ग का नाम मणकोट था। राजा भी मणकोटी कहलाता था।’’ मणकोट का सामरिक महत्व देखें, तो यह दुर्ग एक अग्रिम चौकी सा प्रतीत होता है, जो पूर्वी रामगंगा और काली नदी अंतस्थ क्षेत्र के सीरा (मल्ल राजवंश) और सोर (बम राजवंश) राज्यों से होने वाले आक्रमण से हाट-हनेरा क्षेत्र (वर्तमान गंगोलीहाट बाजार क्षेत्र) को सुरक्षित रख सकता था। मणकोट को दुर्ग की संज्ञा जिस गुम्बदाकार दो पहाड़ियों से दी जाती है, उनके उत्तर-पश्चिम में सुनार और पूर्व दिशा में उप्राड़ा गांव स्थित हैं। इस दुर्ग के निकटवर्ती दक्षिणी क्षेत्र से किसी गांव के अवशेष प्राप्त नहीं होते हैं और जहाँ आज वन भूमि है, जो बाघों के शरण स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। मणकोट के गुम्बदाकार प्राकृतिक दुर्ग के समीप प्राचीन मंदिर के अवशेष अवश्य बिखरे पड़े हैं। इस प्राचीन मंदिर को मणकेश्वर कहा जाता है। इस प्राचीन मंदिर के भग्न स्तम्भ अवशेषो