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महात्मा की बुद्ध की गोविषाण यात्रा-

     महात्मा बुद्ध की गोविषाण यात्रा- छठी सदी ईस्वी पूर्व में भारत में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई और महात्मा बु़द्ध भ्रमण और उपदेश द्वारा अपने धर्म को जनधर्म के रूप में स्थापित करने में सफल हुए। उत्तर भारत में यह कालखण्ड महाजनपद अथवा प्राग्-बुद्धकाल के नाम से प्रसिद्ध हुआ। छठी शताब्दी ई. पू. के साहित्यिक स्रोतों में बौद्ध-जैन धर्म ग्रंथ तथा पाणिनी कृत अष्टाध्यायी सबसे महत्वपूर्ण हैं। बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तरनिकाय और जैन ग्रंथ भगवती सूत्र से सोलह महाजनपदों और गणराज्यों के संबंध में जानकारी प्राप्त होती है। इस शताब्दी में भारतीय उपमहाद्वीप में बड़े-बड़े जनपद जैसे-मगध, कोसल, अंग, काशी, कम्बोज, पंचाल, कुरु और अवन्ति अस्तित्व में थे, जिनमें ‘मगध’ सबसे शक्तिशाली जनपद था। इसलिए इस शताब्दी के भारतीय इतिहास के केन्द्र में ‘मगध’ एक महत्वपूर्ण राज्य था।         छठी सदी ई. पू. में मध्य हिमालय की सीमा पर कम्बोज, कुरू, पंचाल आदि महाजनपद थे। दक्षिणी-पश्चिमी कश्मीर तथा काफिरिस्तान (कपिशा) के भाग को मिलाकर प्राचीन काल में कम्बोज महाजनपद बना था। इस महाजनपद के दक्षिण पूर्व में उत्तरी पंजाब से लेकर उत्तराखण्ड

राम के पूर्वज जो गंगोली के ‘पाताल भुवनेश्वर’ गुहा आये थे-ः

 राम के पूर्वज जो गंगोली के ‘पाताल भुवनेश्वर’ गुहा आये थे-ः       मध्य हिमालय का भूवैज्ञानिक इतिहास आद्य महाकल्प के द्वितीय युग ‘इयोसीन’ से आरम्भ होता है। भूवैज्ञानिकों के अनुसार इस युग में टेथिस सागर के स्थान पर हिमालय का निर्माण आरम्भ हुआ और यह प्रक्रिया निरन्तर जारी है। जबकि आरम्भिक मानव का इतिहास पांचवें युग ‘प्लीओसीन’ से शुरू हुआ। मध्य हिमालय के आरम्भिक इतिहास को आदि मानव ने रंगीन रेखाओं की गतिविधियों से प्रस्तुत किया और जिसके पुरातत्व अवशेषों में सबसे महत्वपूर्ण हैं शैलाश्रय, जो उसके आश्रय के अतिरिक्त एक कला-दीर्घा जैसा था, जहाँ उसके हाथों और अभिरुचि से कालजयी चित्रकला का विकास हुआ। उत्तराखण्ड  के कई पर्वतीय स्थलों से प्रागैतिहासिक गुहा-चित्र प्रकाश में आ चुके हैं। चमोली जनपद के ‘डुंगरी’ और ‘किमनी’ गांव के अतिरिक्त मध्य हिमालय का अल्मोड़ा जनपद शैलाश्रय गुहा-चित्रों के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ अनेक प्रागैतिहासिक पुरास्थलों को खोजा जा चुका है।        अल्मोड़ा के प्रमुख गुहा-चित्र पुरास्थलों में ल्वेथाप, लखु-उड्यार, पेटशाल, फलसीमा आदि ‘गंगोली’ से लगभग 30-40 किलोमीटर की परिधि पर हैं। अल्म