संदेश

मई 1, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गंगोलीहाट का मणकोटी राजवंश -

 गंगोलीहाट का मणकोटी राजवंश -   वर्तमान में गंगोलीहाट, सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ का एक तहसील नगर है, जहाँ कालिका का सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ है। कुमाऊँ के इस शक्तिपीठ की प्राचीनता को आदि गुरु शंकराचार्य से संबद्ध किया जाता है। इस शक्तिपीठ के प्रति स्थानीय जन मानस की ही नहीं बल्कि भारतीय सेना की भी अपार श्रद्धा है। ‘जय कालिका’ युद्ध-घोष के साथ कुमाऊँ रेजीमेंट देश के लिए कई युद्धों में सफलता प्राप्त कर चुकी है। गंगोलीहाट दो शब्दों ‘गंगोली’ और ‘हाट’ से बना है। गंगोली की व्युत्पत्ति संस्कृत शब्द ‘गंगावली’ से हुई है, जिसका अर्थ ‘गंगाओं की कतार’ है। जिस प्रकार ‘रावत’ से कुमाउनी शब्द ‘रौत’ या ‘रोत’ की व्युत्पत्ति हुई, गंगावली से गंगोली की हुई। ‘हाट’ भी संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ ‘बाजार’ होता है। प्राचीन काल में उत्तराखण्ड के स्थान विशेष पर ‘हाट’ का आयोजन किया जाता था, जो स्थान विशेष- जैसे डीडीहाट, द्वाराहाट, बगड़ीहाट, तैलीहाट और बाड़ाहाट के नाम से प्रसिद्ध हुए।            प्राचीन काल में गंगोली क्षेत्र की हाट 29° 39‘ 19‘‘ उत्तरी अक्षांश और 80° 02‘ 30‘‘ पूर्वी देशान्तर रेखा पर आयोजित की जाती थी, जिसे