गंगोली का राजनीतिक भूगोल : एक ऐतिहासिक परिदृश्य-
गंगोली का राजनीतिक भूगोल : एक ऐतिहासिक परिदृश्य- कुमाऊँ का ‘गंगोली’ क्षेत्र भी एक विशिष्ट सांस्कृतिक और भौगोलिक क्षेत्र है। इस विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र को सरयू-पूर्वी रामगंगा का अंतस्थ क्षेत्र भी कह सकते हैं। वर्तमान में गंगोली का मध्य-पूर्व और दक्षिणी क्षेत्र पिथौरागढ़ तथा मध्य-पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्र बागेश्वर जनपद में सम्मिलित है। गंगोली के राजनीतिक भूगोल का अर्थ- इस विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र का प्राचीन काल से मध्य हिमालय के विभिन्न राज्य-राजवंशों से संबद्धता को स्पष्ट करना है। मानसखण्ड में इस क्षेत्र को शैल प्रदेश तथा तेरहवीं सदी में यह क्षेत्र एक स्वतंत्र राज्य ‘मणकोट’ के नाम से अस्तित्व में आया। चंद और गोरखा काल में यह क्षेत्र ‘गर्खा’ नामक एक प्रशासनिक इकाई था। ब्रिटिश काल में गर्खा को ‘परगना‘ कहा गया। वर्तमान में यह क्षेत्र दो जनपदां के मध्य सात तहसीलों में विभाजित है। कुमाऊँ अंचल (मध्य हिमालय) के प्राचीन गंगोली क्षेत्र को ‘गंगावली’ भी कहा जाता था। वर्तमान में यह क्षेत्र गंगोलीहाट, बेरीनाग, काण्डा और गणाई गंगोली, दुग नाकुरी, कपकोट और थल तहसील में विभाजित है। ब्रिटिश काल (सन्