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कुमाऊँ का कैलास मंदिर : एक हथिया मंदिर- भाग-2

    कुमाऊँ का कैलास मंदिर : एक हथिया मंदिर- भाग-2    एक हथिया मंदिर की कुल ऊँचाई 10 फीट 2 इंच है। मंदिर की कुल लम्बाई मण्डप सहित 8 फीट 2 इंच तथा चौड़ाई 4 फीट 1 इंच है। इस प्रकार मंदिर की लम्बाई और चौड़ाई में  2 और 1 का अनुपात है। इस एकाश्म मंदिर का आधार शिलाखण्ड की लम्बाई 16 फीट 2 इंच तथा चौड़ाई लगभग 12 फीट 3 इंच है। जबकि मंदिर के इस आधार शिला सहित सम्पूर्ण विशाल शिला की कुल लम्बाई 34 फीट 9 इंच है, जिसमें से 18 फीट 7 इंच लम्बा, 12 फीट 3 इंच चौड़ा तथा 9 फीट 8 इंच ऊँचा शिलाखण्ड शेष है। इस विशाल शिला, जिसे काटकर मंदिर को निर्मित किया गया, को ही इतिहासकार प्रो. अजय रावत ने चट्टान की संज्ञा दी, जो मात्र एक विशाल शिला है। चट्टान या पहाड़ इस शिला स्थल से लगभग 20 मीटर दक्षिण में है।       इस एकाश्म मंदिर का अर्द्ध-मण्डप एक खुला पोर्च जैसा है, जिसकी लम्बाई और चौड़ाई 4 फीट 1 इंच है। अर्थात अर्द्ध-मण्डप का आधार वर्गाकार है। यह अलंकृत आलेखन युक्त मण्डप दो स्तम्भों पर टिका हुआ है। एक स्तम्भ को आधार, धड़ और शीर्ष पर कमलाकृति चौकी में विभाजित कर सकते हैं, जिसकी कुल ऊँचाई मात्र 3 फीट 1 इंच तथा धड़ की औसत ग

कुमाऊँ का कैलास मंदिर

  कुमाऊँ का कैलास मंदिर : एक हथिया मंदिर                   उत्तराखण्ड का एक मात्र एकाश्म प्रस्तर से निर्मित प्राचीन मंदिर पिथौरागढ़ जनपद के थल नगर पंचायत के निकटवर्ती बलतिर और अल्मिया गांव के मध्य में स्थित है। इस एकाश्म मंदिर को ‘एक हथिया’ कहा जाता है। शैली व कालक्रम के आधार पर इतिहासकार इस मंदिर को दशवीं सदी के आस पास का बतलाते है। इस मंदिर के संबंध में इतिहासकार डॉ. यशवंत सिंह कठोच लिखते हैं- ‘‘एक ही चट्टान पर उकेरा गया इस काल का एक-मात्र देवालय जनपद पिथौरागढ़ में थल के समीप अल्मिया ग्राम में प्राप्त हुआ है। नागर शैली का त्रिरथ-विन्यास में निर्मित यह देवालय शिव को समर्पित है।’’ एकाश्म प्रस्तर से निर्मित यह प्राचीन शिव मंदिर मध्य हिमालयी स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है। पिथौरागढ़ जनपद के पूर्वी रामगंगा तट पर बसा मध्य हिमालय का प्रमुख व्यापारिक केन्द्र ‘थल’ नाम से प्रसिद्ध था, जहाँ नदी के बायें तट पर प्रसिद्ध देवालय ‘‘बालीश्वर’’ है। थल-बालीश्वर में कत्यूरी-चंद कालीन कुल पाँच मंदिर स्थापित हैं। इन पाँच मंदिरों में मुख्य मंदिर सबसे विशाल है और जिसके गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित है। य