गंगोलीहाट का जाह्नवी नौला अभिलेख
गंगोलीहाट का जाह्नवी नौला अभिलेख - गंगोलीहाट का जाह्नवी नौला अभिलेख एक लघु शिलापट्ट पर उत्कीर्ण है। यह नौला पर्वतीय स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उत्तराखण्ड का प्राचीन इतिहास स्थानीय पर्वतीय स्थापत्य की दृष्टि अति महत्वपूर्ण था। उत्तरकाशी (बाड़ाहाट) से नेपाल के बैतड़ी तक विस्तृत पर्वतीय क्षेत्र से प्राप्त सैकड़ों प्राचीन मंदिर-नौले स्थानीय पर्वतीय स्थापत्य शैली के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इस स्थानीय स्थापत्य शैली का चरमोत्कर्ष काल आठवीं से तेरहवीं शताब्दी तक मान्य है। भारतीय स्थापत्य की दृष्टि से यह कालखण्ड मंदिर स्थापत्य कला का स्वर्ण युग था। कश्मीर से कन्याकुमारी तथा गुजरात से बंगाल तक क्षेत्रीय राजाओं ने अनेक मंदिरों का निर्माण किया। उत्तर में कश्मीर का मार्तण्ड, मध्य भारत में खजुराहो के मंदिर, पश्चिम में दिलवाड़ा का जैन मंदिर, दक्षिण पश्चिम में अजन्ता-एलोरा के गुहा मंदिर, कैलास मंदिर, सदूर दक्षिण में चोल राजाओं द्वारा निर्मित मंदिर तथा पूर्व में कोणार्क का सूर्यमंदिर आठवीं से तेरहवीं शताब्दी के मध्य निर्मित किये गये थे। भारत की भाँति उत्तराखण्ड के पर्वतीय भू-भाग पर भी आठव