दीपचंद का अल्मोड़ा ताम्रपत्र-
दीपचंद का अल्मोड़ा ताम्रपत्र- दीपचंद का अल्मोड़ा ताम्रपत्र एक महत्वपूर्ण साक्ष्य है, जो चंद राज्य व्यवस्था पर प्रकाश डालता है। दीपचंद कुमाऊँ के चंद वंश के अंतिम दीप थे, जिनके शासन का उजाला 25 वर्ष से अधिक समय तक रहा था। कुमाऊँ के प्रथम चंद राजा रुद्रचंददेव (1565-1597) के उत्थान से इस वंश के पतन (सन् 1790) तक केवल दो ही शासक बाजबहादुरचंद (1638-1678) और दीपचंद (1748-1777) हुए, जिन्होंने 25 वर्ष से अधिक वर्षो तक शासन किया। लगभग 220 वर्षों के शासन काल में अल्मोड़ा के चंद राजाओं ने सैकड़ों ताम्रपत्र निर्गत किये। इनमें से अधिकांश ताम्रपत्र ब्राह्मणों और मंदिरों को निर्गत किये गये थे। चंद ताम्रपत्रों में सर्वाधिक ताम्रपत्र दीपचंद के ही प्राप्त हुए हैं। दीपचंद का अल्मोड़ा ताम्रपत्र चंद राजसत्ता पर जोशी ब्राह्मणों के प्रभाव को दर्शाता है। यह ताम्रपत्र सन् 1755 ई. में अल्मोड़ा से निर्गत किया गया था। इसलिए इस ताम्रपत्र को दीपचंद का अल्मोड़ा ताम्रपत्र कहते है। इस ताम्रपत्र के फलक पर ऊपर से नीचे की ओर 29 पंक्तियां तथा बायें किनारे की दो पंक्तियां सहित कुल 31 पंक्तियां हैं। 28 वीं पंक्ति का